Thursday 2 May 2019

India is facing crisis of true Nationalism with people oriented program

जय हिन्द !  कितनी बार ये बताना पड़ेगा की देश जिन्दा है केवल जनता के लगातार देश के लिए सोचने की शक्ति से न कि  इस लिए जो आज की सरकार के नेता मीडिया के माध्यम से रोज जनता को पिला रहे है...  ऐसी देशभक्ति शायद ही किसी ने सुनी हो जो केवल हवा में हो जमीन में नहीं |  देश के लोगो को ये मालूम नहीं चल रहा की उनका काम देशभक्ति में आता है की नहीं या ये उन्हें बीजेपी नेताओ से सीखना होगा की जो कुछ १९४७ से पहले देश के नेताओ ने देश के लिए किया था वो किस श्रेणी में आएगा देशद्रोही या देश भक्ति या फिर इसे इस तरह भी समझ सकते है के देश को स्वतंत्र करने का पावन कार्य को किया कहा जाये | 

बड़ी विचित्र बात है की वर्तमान चुनाव में  केवल राष्ट्रवाद को बीजेपी के नेतृत्व ने काफी छोटा कर दिया है  राष्ट्रवाद का अर्थ ही देश के काम करने के व्यव्हार से जुड़ा हुआ है देश के समाज के सोचने से जुड़ा हुआ है देश के लिए जो वर्ग समुदाय जान की बाज़ी लगा देते है उनके गाथाओ से जुड़ा हुआ है |  देश के हज़ारो कामो को करने से देश की जो संस्कृति बनती है वो जमीनी राष्ट्रवाद है  लेकिन वोट बटोरने वाले नेताओ के लिए केवल सैनिक की शहीदी राष्ट्रवाद है ऐसे राष्ट्रवाद की छोटी परिभाषा देश को देश के लोगो को और देश के नेताओ को काफी छोटा बनना देती है

मीडिया के चापलूस और सरकारी तोता होने की वजह से देशभक्ति की छोटी कहानी रोज जनता को पिलाने  की  कोशिश हो रही है इस बड़ी लड़ाई में देश जीतेगा और देशभक्ति को छोटे रूप में  बताने वाले हारेंगे 

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